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वो प्रेम का आरंभिक दौर ।।

सुनो, सुनो ना... क्या तुम्हें अब भी याद है ?? वो  प्रेम का आरंभिक दौर, घंटों बाते करना, हम दोनों का एक #Call एक #Text की प्रतीक्षा में सारा ध्यान फ़ोन में लगे रहना, स्मृतियो में रहना मुस्करा देना जागते हुए कल्पनायें बुनना साथ हँसना खिलखिलाना कभी साथ साथ रो देना, फिर धीरे धीरे बाते कम होती गयी ।। फिर इक वक्त के बाद मात्र एक औपचारिकता ही रह गई थी, हमारे रिश्ते के बीच, हमारे प्रेम के बीच ।। मानता हूँ समय के साथ लगाव कम हो जाता है पर प्रेम तो प्रगाण होता है ना पुराना होने के साथ ? सुनो, पुनः सब पुनः से शुरू कर सकते है क्या ? अब भले ही बाते कम करो पर अथाह प्रेम हो वही प्रथम बार की तरह ।। इक दूसरे का साथ कभी उबाऊ ना लगे, जैसे प्रेम अनंत है साथ भी हो हमारा उम्र के अंतिम पड़ाव की तरह ।। कभी भी रिश्तों में विराम चाहिए हो तो हम इक दूसरे की गलती ना बताते फिरे ।। प्रेम का प्रभाव वैसा ही रहे बिल्कुल... नवीन, अद्भुत, अप्रतिम, असाधारण, अथाह, अनंत ।। #ख़ैर 🙏🏻

स्नातक छात्रों कि मटर - पनीर की दावत, मजबूरी या शौख ??

अगर आपको लगता है स्नातक छात्र (साईं हॉस्टल में रहने वाले) छात्र सिर्फ दाल - चावल ही खाते हैं तो आप बिल्कुल गलत है, या फिर आप उनके बारे में जो कुछ भी जानते हैं वह आधा - अधूरा है । यह रात्रि में सब्जी और रोटी अधिक बनाते हैं, उसमें चावल और पूरी ऑप्शनल होता है।  रात्रि में इनके इन छात्रों के रूम पर अगर कोई आता है तो उसका स्वागत रात्रि के खाने में मटर - पनीर की सब्जी से किया जाता है, वहीं जब खुशी की बात होती है या उनके कमरे पर कोई मित्र आ जाए या कोई नए छात्र को कमरा दिलाना हो, और सब कुछ सेटल होने के बाद पनीर पार्टी होती है, कई दिनों के बाद किसी मित्र से मुलाकात हो, तो पनीर पार्टी होती है, किसी का बर्थडे हो तो केक काटने पर कम फोक्स होता है और पनीर की पार्टी पर अधिक । कुल मिलाकर कहें तो हर छोटी बड़ी खुशी को इसी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है । यह पनीर मांसाहार करने वाले और शाकाहार करने वाले सभी छात्रों को आपस में मिला देती है,  यहां के ज्यादातर विद्यार्थी मांस से परहेज करते हैं, तो कहीं - कहीं मकान मालिक भी मांसाहार बनाने से रोकते हैं, ऐसे में पार्टी के नाम पर उनके पास अच्छा खाने के ...

आज अंत है ।।

 आज अंत है,  प्रेम का, सवालों का, बेचैनियों का,  उस लडके कें इंतजार का, जिसे कुछ सूझता ही नही था ।। तुम्हारे अलावा,  आज अंत है, साथ मे देखे ख्वाबों का,  एक मुस्कुराहट का,  शरारतों का ।। शायद तूम समझ सको,  आज रिश्ते का अंत नही?  आज प्रत्येक उस लम्हें का, अंत है जो या तो तुम्हारे, साथ देखा था या, साथ गुजारा था ।। 😒😔 #ख़ैर  ❤️🙏🏻 07/07/2024