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Showing posts from November, 2022

दुनिया के जिस कोने में रहना, बस खुश रहना ।।

सुनो, अब ख़ाली हो चुका हूँ मैं तुमसे, ऐसा मुझे महसूस होता है, हाँ मानता हूँ मैंने कभी नहीं सोचा था की तुमसे नाराज़ हो जाऊँगा, पर हर बार बिन बात के सज़ा पाते - पाते ना अब मन रूठ सा गया है । शायद तुमसे या तुम्हारे उन बेबुनियाद इल्ज़ामो से कई बार हममें लड़ाइया हुई,  झगड़े हुए,  दूरिया हुई,  पर हर बार मैंने कोशिश की, तुमसे बात करने की, तुम्हें समझाने की, तुम्हें रोकने की, पर क्या तुमने इस बार ये महसूस किया??  कि इस बार मैंने कुछ नहीं बोला,  कुछ नहीं पूछा और ना ही कोशिश की तुम्हें रोकने की, सोचा था तुम्हें ये महसूस होगा, तुम कम से कम ये तो जानने की कोशिश करोगे, पर मैं तुम्हें तुमसे बेहतर जानता हूँ, तुम्हें महसूस भी नहीं होगा, बेख्यालियत,  मैं इन सब को परे रख बस अब इतना मानना चाहता हूँ, की शायद तुमने भी मुझे बहुत समझा हो, शायद तुमने भी बहुत कोशिश की हो, शायद तुम हर जगह सही रही हो, शायद मैं ही हर जगह ग़लत रहा हूँ, पर यकीनन मैंने तुमसे तुम्हें हर मोड़ पे,  हर वक्त पे प्रेम किया है, जिसका आभासी गवाह सिर्फ़ और शायद सिर्फ़ मेरे  अलावा वो ...

कभी किसी चौराहे पे मिलो तो आँखे मिला पाओ ।।

  मै मानता हूँ, जब भी किसी रिश्ते में से किसी इक को निकलना हो तो बिना किसी साज़िश के, बिना उस रिश्ते को ख़राब किए हुए, बिना किसी को नीचा दिखाए, बिना सही - ग़लत की लड़ाई किए, शांति से उस रिश्ते से निकल जाना चाहिए, सामने वाले को इक बार ज़ोर से गले लगा कर, जो की उस रिश्ते का हक़ था, सिवाय तुम ग़लत, मै सही, मैंने ये किया, तुमने वो किया, जिसे जाना होता है, वो जाता है, यार तुम लाख रो लो, गा लो, मर लो, और सत्य तो ये भी है कि मरते तुम भी नहीं जो सोचते थे की उसके जाने के बाद मर जाओगे, तो छोड़ो, बढ़ो आगे, क्यूँकि उसको किसी और का हाथ थामना होगा तो वो थाम ही लेंगे, बस तुम अपने मन से सच्चे रहना ताकि वो कभी किसी चौराहे पे तुम्हें कभी दिख जाए तो रिश्तों को ऐसी ख़राब करके मत जाओ की कभी किसी चौराहे पे मिलो तो आँखे भी ना मिला पाओ #ख़ैर ❤️🙏🏻

हाँ तुम ज़रूरी हो पर मेरा आत्म-सम्मान भी ज़रूरी था ।।

  ज़िंदगी में ज़िद होनी बहुत ज़रूरी है, पर कभी - कभी किसी इंसान को पा लेने की ज़िद त्याग देनी चाहिए, तब जब उसे आप नहीं चाहिए, क्यूकी वहाँ बार - बार हर बार आपकी इज्जत उछाली जाएगी आपके विश्वास आपके आत्मसम्मान को ठगा जाएगा, और बार - बार हर बार कुछ नये तरीक़े खोजे जायेगे आपसे अलग होने के ।। उस situation में फिर ख़ुद को वहाँ से अलग कर लेना चाहिए । कभी - कभी किसी का साथ देने की ज़िद, उसको अकेला ना छोड़ने की ज़िद, उसके प्यार से खुद को मुक्त ना करने की ज़िद, उसके अपनेपन से ख़ुद को बंधे रखने की ज़िद, आपको बेशर्म होने का तमग़ा दे जाता है, आपको बेशर्म मान के आपके self_respect को आपके आत्म-सम्मान को आपके स्वाभिमान को बार बार निचोड़ा जाता है । कुछ यू ही ये ज़िद कभी - कभी छोड़ देनी चाहिये और ख़ुद को इक नयी ज़िद में बांध लेना चाहिए, की बस अब और नहीं, की हाँ तुम ज़रूरी हो पर मेरा आत्म-सम्मान भी ज़रूरी था, क्यूकी कभी मैंने तुम्हारे आत्म-सम्मान को ठेस ना पहुँचे इसका पूरा ख़्याल रखा था, की हा तुम ज़रूरी थे, ज़रूरी हो, ज़रूरी रहोगे पर हा अब मैं ये तुम्हें कह कर एहसास नहीं दिलाऊँगा, कि हाँ, इक ज...

क्यूँ प्यार में मन पूरी तरह से टूट जाता है ।।

  इंसान तब हार जाता हैं, जब वो किसी को खुद से बढ़ कर मानता होता है, जिसके लिए वो हर किसी से लड़ जाता है, जिसके लिए वो हर चीज़ से समझौता कर जाता है, जिसके लिए वो सारी हदों को पार कर जाता है, जिसके लिए उसने कभी सोचा भी ना होगा, अपने आत्म सम्मान को किनारे रख वो सिर्फ़ उसकी मौजूदगी चाहता हो, जहाँ भर की ख़ुशियाँ इक तरफ़ और उस इंसान का साथ इक तरफ़, और फिर वो उस इंसान का हाथ पकड़ चल देता हो... और इक दिन अचानक से वो इंसान उसके विश्वास को, उसके आत्म-सम्मान को छलनी करके चल देता हो, आपके प्यार को, आपके त्याग को, परे करके आपको जलील करके जाने लगे , और इन सब के बाद जब आप फिर भी उस इंसान का साथ चाहते हो, तो  बदले में वो इंसान आपकी लाचारी आपके आँसुओं पर दूसरों के साथ मिल कर हँसता है, खुश होता है, आपकी भावनाओं का मज़ाक़ बनाता हो, आपके त्याग को आपकी बेबसी बता कर आपका मज़ाक़ बना रहा हो... मन पूरी तरह से टूट जाता है ।।😌 #ख़ैर ❤️🙏🏻