दुनिया के जिस कोने में रहना, बस खुश रहना ।।
सुनो, अब ख़ाली हो चुका हूँ मैं तुमसे, ऐसा मुझे महसूस होता है, हाँ मानता हूँ मैंने कभी नहीं सोचा था की तुमसे नाराज़ हो जाऊँगा, पर हर बार बिन बात के सज़ा पाते - पाते ना अब मन रूठ सा गया है । शायद तुमसे या तुम्हारे उन बेबुनियाद इल्ज़ामो से कई बार हममें लड़ाइया हुई, झगड़े हुए, दूरिया हुई, पर हर बार मैंने कोशिश की, तुमसे बात करने की, तुम्हें समझाने की, तुम्हें रोकने की, पर क्या तुमने इस बार ये महसूस किया?? कि इस बार मैंने कुछ नहीं बोला, कुछ नहीं पूछा और ना ही कोशिश की तुम्हें रोकने की, सोचा था तुम्हें ये महसूस होगा, तुम कम से कम ये तो जानने की कोशिश करोगे, पर मैं तुम्हें तुमसे बेहतर जानता हूँ, तुम्हें महसूस भी नहीं होगा, बेख्यालियत, मैं इन सब को परे रख बस अब इतना मानना चाहता हूँ, की शायद तुमने भी मुझे बहुत समझा हो, शायद तुमने भी बहुत कोशिश की हो, शायद तुम हर जगह सही रही हो, शायद मैं ही हर जगह ग़लत रहा हूँ, पर यकीनन मैंने तुमसे तुम्हें हर मोड़ पे, हर वक्त पे प्रेम किया है, जिसका आभासी गवाह सिर्फ़ और शायद सिर्फ़ मेरे अलावा वो ...