जो गया वो कभी वापस नहीं आएगा Durgesh Singh Lucknow वाले
तुम्हारा इक सबब मुझपे हमेशा रहेगा जो गया वो कभी वापस नहीं आएगा,
तुम्हें बेवजह ही अपनी ज़िंदगी मान लिया था कुछ ज़्यादा ही तुम्हें सर पे चढ़ा लिया था,
पागल हूँ वक़्त ज़ाया करता रहता हूँ, तुम्हें मानने मेंमुझे लगता था,
मै जी नहीं पाऊँगा तुम्हारे बिना, पर देखो साँसे अब भी चल रही है, वो बात अलग है तुम्हारी याद हर पल आ ही जाती है, और यादों को रोक भी कौन सकता है |
मै इतनी ख़ुशी से तुम्हें अपनी हर बात बताना चाहता रहता हूँ पर तुम्हारा हाँ हूँ करके इग्नोर कर देना अब बेज्जती सी लगती है |
हँसी ग़ायब है तुम्हारे बिना अब वो भी नहीं आती तुम्हारे बिना ना जाने क्यूँ मै तुमसे इतनी उमीदे लगा बैठता हूँ,
और ग़लत भी क्या है उमीदे लगाने में,
उमीद भी तो सिर्फ़ थोड़ी सी प्यार जताने और तुमसे अपनेपन की है ना प्यार तो दूर की बात है |
अब शायद प्यार से बात भी नहीं करती प्यार की बात तो दूर, कद्र ही कर लेती,
मेरी ना सही तो मेरे प्यार की ही प्यार की भी ना सही तो उस एहसास की जिसमें मै दुनिया का सबसे परफेक्ट बंदा था, जिसने तुम्हारे लिए प्यार के अलग हे मायने सेट किए थे,
ख़ैर सब वक़्त वक़्त की बात है वक़्त था हो जाता है, वैसे ही प्यार एहसास सब था हो जाते है फिर भी कुछ होते है जो उस था को है करने में की हर वक़्त नाकाम कोशिश करते रहते है |
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